
Sanjh’s Pov
जैसे ही सुबह की पहली किरणें क्षितिज पर फैलीं, झोपड़ी की दरारों से छनकर आती सुनहरी रोशनी ने पिछली रात के प्रेमपूर्ण पलों की यादों को उजागर कर दिया। मेरे चेहरे पर सूर्य की गर्मी पड़ी ।

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Sanjh’s Pov
जैसे ही सुबह की पहली किरणें क्षितिज पर फैलीं, झोपड़ी की दरारों से छनकर आती सुनहरी रोशनी ने पिछली रात के प्रेमपूर्ण पलों की यादों को उजागर कर दिया। मेरे चेहरे पर सूर्य की गर्मी पड़ी ।
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